कितना माँगा तुम्हें, फिर भी ना जाने क्यूँ, ना दुआ की क़ुबूल, कितना चाहा तुम्हें, फिर भी ये प्यार क्यूँ, अपना ना बन सका, प्यार कम सा रहा, दिल में ग़म सा रहा, प्यार कम सा रहा, दिल में ग़म सा रहा, दिल क्यूँ बस में नहीं, क्यूँ ये चाहे तुम्हें, वो ना माने कहा, कितना रोका उसे, हम तुझे जा मिले, ख़ुद भी हम मिट गए, फिर भी ये दूरी क्यूँ, ना कभी ये मिटी, हम तुझे जा मिले, ख़ुद भी हम मिट गए, फिर भी ये दूरी क्यूँ, ना कभी ये मिटी, तू क्यूँ ग़म दे गया, दिल में ग़म रह गया, हम ना ख़ुद के रहे, ना किसीके हुए, तू किसी का हुआ, क्यूँ ना मेरा बना, वक़्त के मोड़ पे, क्यूँ रुके रह गए, तू क्यूँ सपना रहा, तू ना अपना बना, हम तेरे इश्क़ में, फिर भी होंगे फना, दिल क्यूँ बस में नहीं, क्यूँ ये चाहे तुम्हें, वो ना माने कहा, कितना रोका उसे, तू बना रहनुमा, फिर भी ये ज़ीस्त को, रहगुज़र ना मिली, खो गई सब दिशा, ये कहानी मेरी, वो ये साहिल पे ही, रेत पे थी लिखी, लिख के यूँ रह गई, मौज से मिट गई, रेत फिर रह गई, मौज से मिट गई, रेत फिर रह गई, दिल क्यूँ बस में नहीं, क्यूँ ये चाहे तुम्हें, वो ना माने कहा, कितना रोका उसे,
रहनुमा – guide
ज़ीस्त – life
रहगुज़र – road or favoured path
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